1 सितंबर 2000 को दिल्ली में जन्मी Pratika Rawal ने भारतीय महिला क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई है । दाएं हाथ की सलामी बल्लेबाज और कुशल ऑफ- ब्रेक गेंदबाज के रूप में, प्रतीका ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और खेल के प्रति समर्पण से सभी का ध्यान खींचा है । घरेलू क्रिकेट से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक का उनका सफर संघर्ष और संकल्प की कहानी है ।
Pratika Rawal का क्रिकेट की दुनिया में कदम
प्रतीका का क्रिकेट की ओर झुकाव बचपन से नहीं था । शुरुआत में वह मनोविज्ञान में करियर बनाने की सोच रही थीं, लेकिन किशोरावस्था में उन्हें क्रिकेट के प्रति अपने जुनून का अहसास हुआ । सीमित सुविधाओं और चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपने सपने का पीछा नहीं छोड़ा । क्रिकेट को करियर बनाने का उनका फैसला उनके आत्मविश्वास और भारत का प्रतिनिधित्व करने के उनके इरादों को दर्शाता है ।
Pratika Rawal की घरेलू क्रिकेट में सफलता
दिल्ली के घरेलू क्रिकेट सर्किट से शुरू हुई प्रतीका की यात्रा में 2021 का सीजन उनके लिए अहम साबित हुआ । उन्होंने लिस्ट- ए मैच में 155 गेंदों पर नाबाद 161 रन की पारी खेलकर सभी को प्रभावित किया । इसके बाद, 2022- 23 में 68.50 की औसत से 552 रन बनाकर उन्होंने खुद को भारतीय क्रिकेट की उभरती संभावनाओं में शामिल कर लिया ।
WPL और नेतृत्व की चमक
2023 में महिला प्रीमियर लीग( WPL) ने प्रतीका को अपनी काबिलियत दिखाने का बड़ा मंच दिया । ईस्ट दिल्ली राइडर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया । इसके अलावा, 2024 अंडर- 23 टी20 ट्रॉफी में दिल्ली टीम की कप्तानी करते हुए उन्हें अपनी नेतृत्व क्षमता का भी परिचय देने का मौका मिला । उनकी रणनीतिक सोच और टीम को प्रेरित करने की क्षमता ने सभी का ध्यान खींचा ।
Pratika Rawal का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर
घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन का फल उन्हें 22 दिसंबर 2024 को मिला, जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका पदार्पण न केवल उनके लिए बल्कि उनके समर्थकों और पूरे देश के लिए गर्व का पल था ।
Pratika Rawal की बल्लेबाजी शैली और ताकत
प्रतीका की बल्लेबाजी उनकी सटीक तकनीक और आक्रामक रुख का अनोखा मेल है । नई गेंद के खिलाफ उनकी मजबूत रक्षात्मक शैली और तेज गेंदबाजों व स्पिनरों पर बराबर प्रभाव डालने की क्षमता उन्हें खास बनाती है ।
Pratika Rawal की चुनौतियों पर जीत
प्रतीका के सफर में कई चुनौतियां आईं । क्रिकेट और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना और संसाधनों की कमी जैसी मुश्किलें भी रहीं । लेकिन उनके दृढ़ निश्चय और परिवार के समर्थन ने हर बाधा को पार करने में मदद की ।
Pratika Rawal की भविष्य की योजनाएं
प्रतीका अब सभी प्रारूपों में भारतीय टीम का अभिन्न हिस्सा बनने और विश्व कप जीतने का सपना देखती हैं । इसके साथ ही, वह युवा लड़कियों को क्रिकेट को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं ।
Pratika Rawal क्रिकेट से परे
मैदान के बाहर प्रतीका अपनी सादगी और खेल के मानसिक पहलुओं को समझने की गहरी समझ के लिए जानी जाती हैं । वह महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय पहल में हिस्सा लेती हैं और अपने अनुभवों से दूसरों को प्रेरित करती हैं ।
Pratika Rawal की कहानी सबके लिए है प्रेरणा की कहानी
प्रतीका रावल की कहानी केवल क्रिकेट की नहीं, बल्कि सपनों, संघर्ष और सफलता की कहानी है । उनकी यात्रा आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है और भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य की नई तस्वीर पेश करती है ।